Rishi Sunak and PM Modi-दोस्तों जैसा कि आपने ये सुना होगा इंग्लैण्ड के नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बन चुके हैं, और इसी के साथ वे पिछले 6 सालों में ब्रिटेन के 5वें PM बन चुके हैं । लेकिन दोस्तों इससे भी खास बात ये है कि चूेकि UK के नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक भारतीय मूल के हैं तो इससे भारत और ब्रिटेन के सम्बन्धों के नये समीकरण निकाले जा रहे हैं।
और इसका एक उदाहरण आप प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सनक के बीच हुई बातों से समझ सकते हैं-
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को नए ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सनक के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लीवरली के आगमन की पृष्ठभूमि में चर्चा हुई, जो मुंबई और दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी समिति की विशेष बैठक में भाग लेंगे।
प्रधान मंत्री मोदी ने दी ऋषि सनक को बधाई
“आज ऋषि सनक से बात करके खुशी हुई। यूके के प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने पर उन्हें बधाई दी। हम अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम एक व्यापक और संतुलित एफटीए के शीघ्र समापन के महत्व पर भी सहमत हुए,”
प्रधान मंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए, श्री सनक ने कहा, “यू.के. और भारत बहुत कुछ साझा करते हैं। मैं इस बात से उत्साहित हूं कि हमारे दो महान लोकतंत्र क्या हासिल कर सकते हैं क्योंकि हम आने वाले महीनों और वर्षों में अपनी सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को गहरा करते हैं।”
ऋषि सुनक ने डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता से हुई बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रिटेन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व करते हैं और इस पर निर्माण करने का इरादा रखते हैं।”
डाउनिंग स्ट्रीट की एक प्रवक्ता ने बातचीत के बारे में कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि वह UK और INDIA के बीच ऐतिहासिक संबंधों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व करते हैं, और हमारे दोनों देशों के बीच और भी घनिष्ठ संबंधों को विकसित करने के लिए इस संबंध को बनाने का इरादा रखते हैं।”
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेता “दुनिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने” के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं के अगले महीने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में मिलने की उम्मीद है।
तो दोस्तों आप को क्या लगता है Rishi Sunak and PM Modi की दोस्ती और भारत और ब्रिटेन के नये सम्बन्धों में क्या रंग घोलेगी ।