Categories: News

मुंबई: जुलाई में दीवार गिरने से बेघर हुए 10 परिवारों को अभी भी पुनर्वास का इंतजार, दो कमरों में रहने को मजबूर

घटना में अपना घर गंवा चुके 10 परिवार इस समय स्कूल के दो छोटे छोटे कमरों में रहने को मजबूर हैं. सरकार ने जल्द पुनर्वसन करने का वादा किया था.

मुंबई: मुंबई के चेंबूर इलाके में इस साल 18 जुलाई को दीवार ढहने की घटना से बेघर हुए लोगों को अभी भी पुनर्वास का इंतजार है. घटना में अपना घर गंवा चुके 10 परिवार इस समय स्कूल के दो छोटे छोटे कमरों में रहने को मजबूर हैं. सरकार ने जल्द पुनर्वसन करने का वादा किया था. इस साल मुम्बई के चेम्बूर इलाके में वाशीनाका पर दीवार ढहने से 20 लोगों की मौत हो गई थी वहीं कई घर तबाह हो गए थे. इसके बाद यहां रह रहे लोगों को स्कूल में यह कहते हुए शिफ्ट किया गया था कि जल्द ही उन्हें दूसरे जगह स्थनांतरित किया जाएगा, लेकिन 4 महीने से ज्यादा बीतने के बाद भी ये परिवार इसी स्कूल में रहने को मजबूर हैं.

घटना में अपना घर गंवा चुकीं संगीता कांबले ने बताया कि अब 8 बजे का स्कूल है तो सुबह 7 बजे नहा धोकर बाहर बैठना पड़ता है. खाना खाने अपने सगे वालों के घर जाना पड़ता है. अब 5 महीना हुआ, घर में जाएंगे तो किसके घर जाएंगे, शर्म आती है कि किसी के घर में कैसे जाएं.

करीब साढ़े चार महीनों से संगीता कांबले इसी तरह से कई परेशानियों का सामना करते हुए अपना घर चला रही हैं. 18 जुलाई के दिन मुम्बई के वाशी नाका इलाके में भारी बारिश के कारण दीवार ढह गई थी. इससे 20 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई घर तबाह हो गए थे, जिसमें संगीता का घर भी शामिल था. तब से ही संगीता अपने परिवार के साथ बीएमसी स्कूल में रहती हैं. पति बेरोजगार हैं, बच्चों को मजबूरन रिश्तेदारों के घर छोड़ना पड़ा. संगीता घरों में काम कर चंद हजार रुपए कमा रही है जिससे पूरा महीना नहीं चल पाता है. रिश्तेदार कई किलोमीटर दूर रहते हैं, हर रोज इतने दूर जाकर खाना खाने में पैसे खर्च होते हैं. सरकार ने जल्द पुनर्वास की बात कही थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं.

संगीता ने बतया, “वो बोले कि तुम लोगों को घर देंगे लेकिन कब घर देंगे नहीं पता. सब बोलते हैं कि देंगे देंगे, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.” अब स्कूल शुरू होने के कारण परिवार वालों को बीएमसी ने दो कमरे दिए हैं. इसमें ही 10 परिवार रह रहे हैं. स्कूल शुरू होने के कारण यहां पर सिलेंडर का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. पहले दो महीने प्रशासन ने खाना पहुंचाया, बाद में उसे बंद कर दिया. मालाश्री के परिवार में माता पिता के साथ दादी भी हैं, जिनकी मानसिक स्थिति खराब है. पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं और बेटी बता रही हैं कि खाने में ही पूरी कमाई खत्म हो जाती है.

KB Pawan

Recent Posts

(Top 20 तरीके) Ghar Baithe Paise Kaise Kamaye?(2023)

दोस्तों, ghar baithe paisa kaise kamaye इसके आज के समय में दो तरीके है -पहला…

3 weeks ago

Aadhar Card Photo Change – आधार कार्ड में फोटो कैसे चेंज करें

अगर आप अपने आधार कार्ड के फोटो को बदलना चाहते हैं तो ऐसा करना अब…

3 weeks ago

Watch Free Hindi Serials Online With Apne TV ( अपने टीवी )

अगर आप लेटेस्ट टीवी शो, मूवीज और न्यूज़ आदि के शौकीन है। तो आपके लिए…

9 months ago

Play Store Ki ID Kaise Banate Hain – बिलकुल आसान तरीक़े से

आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन है l स्मार्टफोन में हम विभिन्न…

12 months ago

Percentage Kaise Nikale? परसेंटेज निकालने का तरीका

दोस्तों हम सभी ने देखा है कि हमारे सामने रोजाना कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न…

12 months ago